मोती लाल साहु 10 Jun 2023 शायरी समाजिक परमानंद- जीवन का एक ही किनारा, अगर वह नहीं है- तो ज़िंदगी भटक रही है। 10689 0 Hindi :: हिंदी
परमानंद- जीवन का एक ही किनारा,, अगर वह नहीं है- तो ज़िंदगी भटक रही है....!! -मोती
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