Yogesh Yadav 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य 101380 0 Hindi :: हिंदी
मुझे दिया हुआ हर दिन तो तुम्हारा है माँ फिर कोई एक दिन तुम्हारे लिए क्या मनाऊ लिखना पसंद है, पर मैं खुद जिसकी लिखावट हु, उस औरत पे भला मैं क्या लिख पाऊं जानता हु, हो जाती हो नज़रअंदाज़ तुम और नहीं पूछ पाता आजकल तेरा हाल फिरभी क्यों तुझे कभी कोई शिकायत नहीं होती जब तुझे पता है की थोडा नालायक है तेरा लाल चाहूं तो भी तुझसे कहा नाराज़ रह पाता हु इस क़दर बिछा है ममता का ये जाल तेरा प्यार जताना ज़रूर कम हो गया, पर आज भी याद है बचपन में सवारना बाल और प्यार से छूना गाल मेरा