संदीप कुमार सिंह 02 May 2023 कविताएँ समाजिक मेरी यह कविता समाजिक हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 8835 0 Hindi :: हिंदी
अपनी अपनी सोच है, हरदम सुन्दर सोच। रखें साफ जब भावना, करें नहीं संकोच।। अपनी अपनी सोच है, खुद का खुद रख ध्यान। तन मन रहे निरोग जब,आए मत अज्ञान।। अपनी अपनी सोच है, करें नहीं यूं शोक। दिल से हम खुशियां रखें,जगत करें आलोक।। अपनी अपनी सोच है,मेरा है सुविचार। सदा भला जग का करूं, घर घर हो गुलजार।। अपनी अपनी सोच है, रखूं नजरिया साफ। गुण को सदा कबूल कर,करता हूं इंसाफ।। संदीप कुमार सिंह✍🏼 जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा) बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....