आज भी मेरा सीना भले ,तेरे ,नाम का होगा,।
पर मेरा ,जीना , अपने स्वाभिमान का होगा,।।
बिखरे सीसे की क्या ,?भनक सुनते हो,।
टुकड़ों में देखना ,ज़ read more >>
यादों की पुरवाई लौटती है,न ,जब ।
भीगता है,इक साफ सा कागज ,।
और कुछ आहत ऐसी बरसती है,।
जो एकाएक टपकती है ,और बरसती है,।
मगर यह नहीं रूकती किस read more >>
उम्र की सीमा नहीं ,है ,किस पार जाना,।
कविता कहती है,सफर वहाँ तय हो,
सन्नाटा रहित पनघट जिधर हो,।
तब कहीं छलके भी तो ,यह आंखों का नीर ,
व्यर्थ read more >>
अच्छाई के पैर किनारा नहीं पाते,।मगर,
सदैव अमृत तक पहुँच जाते हैं,,।।
वक़्त के आगे भला किसका पहरा है,।
जो जिय, गया, मुस्कान के साथ,।मगर,
उस read more >>