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कवि राजवीर सिकरवार

कवि राजवीर सिकरवार

कवि राजवीर सिकरवार

@ --93
, Madhya Pradesh

अब न शौकत न दौलत निरी चाहिए । कार - बंगला न कोठी घिरी चाहिए । स्वप्न बस एक ही देखता हूं सदा -- छंद पर बस मुझे पद्मश्री चाहिए ।

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बस अब गीत नहीं लिखने हैं- """”"""""""""""""""""""""""""""""" - एक गीत आपकी समीक्षार्थ- read more >>
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