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Amit Kumar prasad

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@ anjani-kumar-padaam
, West Bengal

My Self Amit Kumar Prasad S/O - Kishor Prasad D/O/B - 10-01-1996 Education - Madhyamik, H. S, B. A, PGDT Other Education - CITA, DITA, DDTP, DEO,Domestic Electrician ( Grade"A") Nationality - Indian Religion - Eaternal Cast - Dusadh ( SC) Hobby - Book Writing & Reading Language Known - Hindi, English, Bengali. ( Read, Write and Speak) Jai Hind And most of love to own Mother Land and Mother Language.

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My Articles

नर हो! न, निराश रहो, मन‌ से, ईक नया सबेरा आएगा! सृष्टी को दिप्त्त कर सूर्यवान, हर अंधकार मिट जाएगा!! त्तप्त्ति राहें संघर्षों � read more >>
ऊदय प्रत्ता: अधिन्स्त्त किरण ! और अस्त्त - व्यस्त्त‌ मज़धारों में!! है! चम़क रही उम्मिदों कि रौशनी, हर नयें - नयें अवत्तारों मे!! read more >>
हो! मधुर - मधुर मादक्ता‌ सा, मदुम्य - मदलीन विभोर चले! चल - अचल, चाल‌ - चंचलता का, विकट के निकट निज़‌ ज्ञान धरे!! ‌‌ ‌‌‌‌ ‌ ‌‌ ‌‌ ‌‌‌ व� read more >>
✊ সাধিন্তা - লোকত্নত্র 👊 এক সাধিনতা গন - নাযক, জা নাযোকতা কে বোর্ন কোরে! স্বাধিন মন, নিষ্ঠা কল্যান পোথে, পথ - পথ ঊজ্জল, সুবিচার ধোরে!! read more >>
दिप्त्त दीप दान का, अभिमान नम करी! स्वेच्छ, ऊज्वला करी, चिरागों कि रौशनी!! ‌‌‌‌ विकाश का पवन बहे, अवकाश वक्त से! दिप्त्� read more >>
चलत्तें हैं राह मंज़ील को राहीं, स्पनों का नगर बनाने को! स्पनें पलत्तें उन नैनों में, ज़ो ज़गत्तें विश्व ज़गानें को!! निद्रा क� read more >>
अधरों मे फिरती ईधर- उधर, चाहत बन आशा वाद करे! आशाऐं संघर्ष को कर के नमन, सुबह शाम फ़रियाद करें!! अच्छादित हृदय कि करूण चेतना, read more >>
ईच्छा, चाहत्त, उम्मिद‌, कामना, मिलत्तें मंज़ील पथ‌ डगर - डगर! पथ भ्रमर‌ - भ्रमर हर राहों के, सफ़लत्ता खिलत्ती संघर्षों पर!! हर द read more >>
चाह है मंज़ील, चाह ग्मन, और चाह ही पथ‌ का संगम है! चाह प्रभा का नुत्तन दृष्य, कर रही डगर हर पावन है!! ‌ ‌‌ ‌‌‌‌‌ चाह है भक्ती, चाह कर� read more >>
নিসচ্ছল, কোমল, প্রভা রবিন্দ, শিতল বিচার কে ধার ধরে! শিক্খা নিজ পথ কে কোরে বর্ন, পথ পাথর কে জলধার করে!! আচার আলোকের মনে - মনে, read more >>
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