आज का शीर्षक मैंने " आंखें " रखी है ।
बड़ी प्यारी है ये आंखें ...
दिल का हाल बयां कर देती है ...!
लब हो खामोश ...
फिर भी ये सब जाहिर कर देती है ... read more >>
कितने दूर निकल गए हम ...
रिश्तो को निभाते - निभाते ...!
खुद को खो दिया हमने ....
अपनों को अपनाते - अपनाते ...!
लोग कहते हैं ....
खुल कर बातें किया क read more >>
दिल को दरिया बनाए ...!
आंखें बिछाए बैठी हूं ...!
वो लौटकर हमें ,
आवाज लगाएंगे ....!
ये आस लगाए बैठी हूं ...!
ना तुम आते हो ...!
ना कोई खबर ही तेरी ...!
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