गीत बनता नहीं, बन जाता है!
लोगों के हृदय तक पहुंच जाता है!!
गीत गाया नहीं,लयता में ढल जाता हैं!
कभी-कभी करुणा में बह जाता है!!
तो कभी वीरता � read more >>
हर शब्द खेल दिखाते है!
कभी हसाता ते, कभी रुलाते,
तो कभी-कभी आत्मा को शांति पहुंचाते है!!
और क्या कहूं:-
यह शब्द ऐसे भी खेल खेलते हैं!
जो का� read more >>
हर शब्द खेल दिखाते है!
कभी हसाता तो कभी रुलाते,
तो कभी-कभी आत्मा को शांति पहुंचाते है!!
और क्या कहूं
यह सब ऐसे भी खेल खेलते हैं!
जो कायर क read more >>
दिल तेरा हो या मेरा हो प्यार करने की हर आवाज़ देता है!
तुम मुंह से ना देते हो मगर तेरा दिल मुझे आवाज देता है!!
सपनो की ख्वाहिशों में आप बै� read more >>
दियो न पेई यू भाई!
जीव जगत यु न टुलाई!!
जगत एक भाई, मानव एक भाई !!
तौउ आपस मे यु क्यु गुराई!!
Writer:-ASHOK PRIHAR
शब्दार्थ:-
दियो :- योगदान,
जगत: read more >>
प्रेम सु जिंदगी, प्रेम मे राम !
प्रेम ही जिंदगी के सब सुखों का नाम!!
मिले सतगुरु इतना !
प्रेम में रहे उतना!!
ऐसा भाग मेरा, सतगुरु मिले राम!
� read more >>
काऊ कोऊ प्रियतमा से तौऊ बिन जिव नौऊ भय!
लागु मन ताऊ से जिव अब काऊ भय!!
मझताऊ थाऊ से मै तौउ न पेऊ!
आवु मै घिरी-घिरी जाऊ न पेऊ!!
अर्थ:-
कहने read more >>