लेखक हुँ , बस लिखता हुँ किसी के लिए नही सिर्फ अपने लिए किताबें भी छपवाई है व्यवसाय के लिए नही अपनी लेखन कार्य शैली को मात्र संजोने के लिए विश्व में भ्रमण करता हुँ माँ हिन्दी के प्रचार प्रसार व यायावरी के लिए हाँ रोजी रोटी मेरी मेरे चिकित्सा कार्य से चलती है प्रभु की असीम कृपा है