मै जनक नन्दनी कविता कहानी लिखना मेरा एक सौख है इसके माध्यम से लोगो को जीवन के सच्चाई से अवगत कराने का एक छोटा प्रयाश है आप सभी से प्रार्थना है मुझ पर अपनी कृपा बनाये बनाये रखिये
अपने आत्मा से पुछो
माँँ तकदीरो की तीर होती है
मुश्किल पड़ जाने पर
पलको की तशवीर होती हैै l
अपने आत्मा से पुछो.........
वो अनाथ बनकर घुमेँंग read more >>
जब मै पढ़ती थी one class मेँँ
अ,आ नहीं समझती थी l
next year my two class
मैँं अ,आ,इ पढ़ती थी
जब मै आयी three class मेँं
a,b,c नहीं आता था
next year my four class
मुझे a,b,c d आता था
उसके ब� read more >>
जब मै पढ़ती थी one class मेँँ
अ,आ नहीं समझती थी l
next year my two class
मैँं अ,आ,इ पढ़ती थी
जब मै आयी three class मेँं
a,b,c नहीं आता था
next year my four class
मुझे a,b,c d आता था
उसके ब� read more >>
जब मै पढ़ती थी one class मेँँ
अ,आ नहीं समझती थी l
next year my two class
मैँं अ,आ,इ पढ़ती थी
जब मै आयी three class मेँं
a,b,c नहीं आता था
next year my four class
मुझे a,b,c d आता था
उसके ब� read more >>
नारी देश की उज्जवल है
नर देश के रच्क्षक l
कभी नहीं झुकने देंगीँँ
अपने देश का मस्तक ll
अरमाँँनो को पुरा करती l
मिट्टी की वो लाज बचाती ll
घर read more >>
अन्जान नदी की नावेँंl
ना जाने कहाँ से आये ll
हिलते-डुलते पानी में चलता l
मेरे मन को भाये ll
अन्जान नदीँं .....
जो भी बैठा उस नावँं पर
खुद से प� read more >>