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Kanhaiyalal

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@ kanhaiyalal-
, Rajasthan

Kanhaiyalal jalandhra was born10 oct 2004 at harkhewala. It was intimate contect with nature and love that gave him well as inspiration to write poetry about nature and love. Studies (12th and B.A)Rbse and university of bikaner in Rajasthan

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My Articles

आंख मिचोली का खेल खेले हैं हम । गांव की उन गलियों में घूमे हैं हम ।। गले में हाथ डाल साथ घूमे हैं हम । नीम की उस डाली पे खेले है हम ।। द read more >>
रहती है वह एक गांव में, रहती है वह एक गांव में, रहता है वह भी एक गांव में। घर के पास जाते हैं हम, घर के पास जाते हैं हम, उसे देख नहीं पाते ह read more >>
यह वीरान सी जगह, जैसे थार मरुस्थल।यह बिखरी ठंडी रात, जैसे थार मरुस्थल की रात ।। यह दक्षिण सड़क पर पहुंचकर रुक सा गया ।यह सड़क को देखा तो read more >>
और एक इश्क गली दिन भर रहती वीरान, शाम ढले एक लड़का गुमसुम सा आता उसके होठों पर अधूरे ख्वाब और नफरत की तलवार, जिसे देखकर सब लोग कहते वह ह read more >>
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