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Lalit Kumar Yadav

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My Articles

अब के बरस जो मुझे कर रहे इतर। ये चंद लोग भीम व्यवस्था से है परस्त। नेहरू,राजीव, इंदिरा सा मान रखेंगे। हम लेके संविधान अपने साथ चलेंगे। read more >>
"दौलत से नहीं शोहरत से चल गरीबी में नहीं फकीरी में चल तू नादा है तो नादां ही चल मिल ही जाएगी मंजिल एक दिन यही विश� read more >>
मीर,मजाज़,जॉन का कलाम लिख दूं। इक शाम तुम्हारे नाम का सलाम लिख दूं।। सेहरा में चल जुनूं का पैग़ाम लिख दूं। आवो तुम्हारे दिल पे अपना ना� read more >>
तुम्हें दिल में बसाने का अरमान रखते हैं, तुम्हारी औरों से अलग इक पहचान रखते हैं। तुम जो इक बार आ जाओ मोहब्बत के शहर में, ख़ुदा कसम तुम्� read more >>
बदनाम हुए गालिब तेरे लिए। बे-दाग़ तो सिर्फ तू निकला।। .... ललित read more >>
"इतना मत इठलाओ अपनी ताजपोशी पर हुजूर। ये लोकतंत्र की कुर्सी है तानाशाह की राजगद्दी नही जनाब।। .....ललित read more >>
इतना मत इठलावो अपनी ताजपोशी पर हुज़ूर। ये लोकतंत्र की कुर्सी है तानाशाह की राजगद्दी नहीं जनाब।। ललित read more >>
काशी तेरे कण कण में है शिव शंकर का वास इसके दर पे जो आ जाए उसका ही कल्याण जोगीरा सारा रारा रा जोगिरा सारा रारा रा सकरी गलियां; पान है � read more >>
सरफरोश की घड़ियां बहुत हैं मेरे सुरूर में लड़ियां बहुत हैं। तू ख़ुद के लिए ख़ुद की इल्तज़ा कर मेरे वजूद में कमियां बहुत है। .... ललित read more >>
मै पहाड़ हूं। मै सूरज को देखकर पला बढ़ा हूं मै चांद को देखकर उसी तरह टूट जाता हूं जैसे रात को गुलमोहर अपने फूल छोड़ देते हैं .... ललित read more >>
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