Lalit Kumar Yadav 30 Mar 2023 कविताएँ दुःखद कविता मै 86834 0 Hindi :: हिंदी
मै पहाड़ हूं। मै सूरज को देखकर पला बढ़ा हूं मै चांद को देखकर उसी तरह टूट जाता हूं जैसे रात को गुलमोहर अपने फूल छोड़ देते हैं .... ललित
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