आधी अधूरी ज़िंदगी,
थी किसकी ये दारिंदगी?
थी किस्मत या कोई खेल,
हमने पूछा खुदा से, "क्यों ये है ऐसी हालत तेरी ज़मीन की?"
रात-दिन चलता रहा स read more >>
एक शाम, खाली सी एक शाम,
जब अंधेरा छाया, मन में छाए उदासी का रंग।
रात के संग, सन्नाटे में ढूंढे,
कुछ सहारा, कुछ रोशनी, कुछ अपने सपनों के रंग read more >>