Maushami 22 May 2023 कविताएँ अन्य रास्ते #ढूँढता 6461 0 Hindi :: हिंदी
बिखरे रास्ते का सच बिखरे रस्तों का सच ढूँढता हूँ, जहां रुके हुए कदम उठाता हूँ। मन की उलझनों को समझाता हूँ, आगे बढ़ने का रास्ता ढूँढता हूँ। हर मोड़ पर चुनौतियों का सामना करता हूँ, अनजाने में भटकते हुए नहीं घबराता हूँ। विपरित परिस्थितियों में भी रुस्तमी दिखाता हूँ, सहसा उठती हर मुसीबत का सामना करता हूँ। खो देते हैं अक्सर राहों में लोग अपना रास्ता, मैं वहां खुद को खोजता हूँ, खुद को पाता हूँ। उन अनजाने रास्तों में ही ख़ुद को खोलता हूँ, खुद को पहचान हर मुश्किल को हराता हूँ। जीवन की अनमोल बातें छिपी होती हैं राहों में, मैं उन्हें ढूँढता हूँ, अपने मन को भरता हूँ। जब आँधी चली हो और रात गहराई हो, मैं अंधकार में भी आशा का दीप जलाता हूँ। बिखरे रस्तों का सच ढूँढता हूँ, जहां रुके हुए कदम उठाता हूँ। जीवन के मेले में खद को ढूँढता हूँ।