एक बार की बात है, किसी जंगल में एक कौवा रहता था, वो बहुत ही खुश था, क्योंकि उसकी ज्यादा इच्छाएं नहीं थीं। वह अपनी जिंदगी से संतुष्ट था, ले� read more >>
यहां था कोहरा घना, मैं था अंधेरों से सना। तेरी जो धूप परी मुझ पे, मैं भी उजालों से बना। तेरी किरणों के फुहारों में, मन रोशनी से भींग गया। � read more >>