एक दिन तो तुम भी "आजादी" का जश्नन
मनाते हो।
है, वतन के लिए "कुछ" करने की तमन्ना
तब, ही "तिरंगा" फहराते हो ।
चाहें तो, सरहद ,पे
चल read more >>
तेरी बाहों ,में सोने कि चाहत ने,
मुझे ,
सरहद, का सिपाही बना दिया ।
उस मिट्टी के लिए ,
मै मिट्टी हो गया,
जिस,
मिट्टी को तुम अपनी 'माँ' कहते ह read more >>
एक वक्त, बहुत जरुरत थी ।
हमें ,उनकी
पर । वो भी
तमाशाबीन,
लोगों मै शामिल हो गए ।
समझाते ,
भी तो केसै किसी को भला ,यकीनन
दिल का दर्द ,भी तो ब read more >>
तारिफ करने का अन्दाज़ देखिए ।
उनका
जख्म नजरों के,
ज़ालिम
राज "दिल के दिल मे रह जाते है।
कुछ, कहे हम ,के
वो दोस्त ,
किसी ओर के बन जाते ह read more >>