सावन का मौसम आया
फिर याद तुम आए हो
जितना दूर करती हूं
तुम्हें खुद से
उतना ही करीब आए हो
Saawan ka mausum aaya
Phir yaad tum aaye ho
Jitna dur karti hun
Tumhen khud se
Utna hi karib aate ho
ओ पह read more >>
कभी दुआ करती थी उससे दूर जाने के लिए और आज जब रब ने मेरी दुआ कुबूल कर ली। तो दिल इतना बेचने क्यों है यार
मन करता है सारे बंधन को तोड़ कर उस read more >>