ताउम्र जिस घरौंदे को ,
संवारने में निकाल दी ।
सब उड़ चले मुझे भी,
निकलने की सलाह दी।
जाओ..... सब के सब
मर्जी तुम्हारी,
आंखों में दिख रही
ख� read more >>
उम्र दराज दरख्तों को, आंगन में लगे रहने दो,
फल दे ना दे , छांव बेहिसाब देगा ।
तुम बड़े हो जिस डाल के नीचे,
तुम खेले हो जिस दरख़्त के पीछे ।
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