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Writer by Iqrar Ali, मोहब्बत शायरी दिल तोड़
हम किसी को धोखा दे दें तो खुद को चलाख समझने लगते है।लेकिन किसी और से मिल जाए तो वे गैरत हो तुम।
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Writer by Iqrar Ali, मोहब्बत शायरी दिल तोड़
जो खुद को खुदा समझ बैठे थे आज बही लोग अपनी खुदाई पर पैबंद लगा कर हफ्ते में जुमे के दिन ही खुदा ढूंढते है।
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Writer by Iqrar Ali, मोहब्बत शायरी दिल तोड़
लोग अपने अच्छाई को परकाशित करने के वजह दूसरे लोगों की बुराई प्रकाशित कर के अपने ही स्टेटस के कैरेक्टर को मार दी हैं।
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Writer by Iqrar Ali, मोहब्बत शायरी दिल तोड़
किस किस की तमन्ना करूं यहां जो मिट्टी से बनी हुई हर चीज खुदा बन गई है।
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मां की चुन्दड़ी सितारों सी चमके
मां की चुनरी सितारों से चमके, मां की नथ हीरे सी दमके, मां की चूड़ियां चम चम चमके। जय माता दी
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मां का प्यारा दरबार सजा है
मां का प्यारा दरबार सजा है, भक्तों का दर पर मेला लगा है, नवरात्रों में आई है बहार, मां के नौ रूपों का आगमन हुआ है। जय माता दी
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Writer by Iqrar Ali, मोहब्बत शायरी दिल तोड़
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Writer by Iqrar Ali, मोहब्बत शायरी दिल तोड़
जो लोग लेबाश देख कर दूसरे की पहचान करते है उनकी खुद की पहचान कुत्ते के जैसी होती है।
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Writer by Iqrar Ali, मोहब्बत शायरी दिल तोड़
जिसे नमाज पढ़ना बोरिंग लग रही है कल बही लोग मरने के बाद अपने जिंदा होने पर नमाज पढ़ने के लिए दर बदर की ठोकरें खाते फिरेंगे।
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Writer by Iqrar Ali, मोहब्बत शायरी दिल तोड़
कायरों की मर्दानगी है नौजवानो की एक औरत को तीन तलाक के बंधन में बांध कर उसकी ही जिंदगी पर पैबंद लगा रखी है।
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Writer by Iqrar Ali, मोहब्बत शायरी दिल तोड़
किस लिए मोहब्बत करूं यहां जब मेरा खुद का ही वजूद सिर्फ मिट्टी है।और मिट्टी से बनी हुई हर चीजों से कभी वफा नही मिलती है।
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Writer by Iqrar Ali, मोहब्बत शायरी दिल तोड़
लोग सिर्फ आइने में ही अपनी अच्छाई देखते है।लेकिन अपने अंदर कोई नही झांकता है।
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