मोती लाल साहु 12 Jun 2023 शायरी समाजिक हमारी निगाह- किसी के दिल में बस जाए- इसमें हमारा कुसूर कहां दिखता है तुम्हें- ज़रा बताना तुम्हारी यह मुस्कान कैसी? 4740 0 Hindi :: हिंदी
हमारी निगाह- किसी के दिल में बस जाए तो इसमें हमारा- कुसूर कहां दिखता है तुम्हें ज़रा बताना- तुम्हारी यह मुस्कान कैसी...??? -मोती