संदीप कुमार सिंह 16 Jun 2023 कविताएँ समाजिक हृदय, प्यार, अरमान, अब, रंग, ख्याल, दौड़, जमाना, बरस, बीज, बोते, अक्सर, चोट, अजनबी 6243 0 Hindi :: हिंदी
अहसास छू के कोई हौले से जा रहा है, हृदय मे प्यार ही प्यार भरके जा रहा है। अरमानों का मेरे लगे अब रंगी मेले हैं, अब मेरे राहों मे जुनूं भरते जा रहा है। ख्यालों के दौर मे मैं खोता जा रहा था, इस ख्याल ने यादों के फूल सजाते जा रहा है। जमाने के बरस पड़े प्यार मुझ पर हसकर, इस जमाने ने कामयाबी के बीज बोते जा रहा है। जिंदगी ने दिए हैं कई जख्म गहरे यार, यही ज़ख्म ने तो मुझे सफल करते जा रहा है। रात के साए में मैं बेचैन अक्सर होता हूं, इस बेचैनी ने तो आयाम देते जा रहा है। कुछ के बातों ने बड़ा ही दिल में चोट किया है, इस चोट ने दिल में तूफ़ान भरते जा रहा है। अजनबी कुछ बुजुर्ग मुझ से यूं टकराते हैं, उनकी बातों ने सत्य का ज्ञान भरते जा रहा है। दुनिया में अत्यधिक संदीप अच्छे दिलवाले भी हैं, इन दिलवालों ने बुद्धि में प्रकाश देते जा रहा है। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह ✍🏼 जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा) बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....