Sudha Chaudhary 24 May 2023 कविताएँ दुःखद 6854 0 Hindi :: हिंदी
नहीं चुभता है,क ईबार बेगाने से, चलो हम डूब गए, किसी बहाने से। संग था,अपनापन था, जिन्दगी आसान थी, घिरे मझधार में ,नही बुलाने से। चलें जिस भीड़ में, तमाशा था उसी में था, नहर प्यासी थी, कुआं था जिससे। सुधा चौधरी बस्ती