Poonam Mishra 30 Mar 2023 ग़ज़ल प्यार-महोब्बत डूबता हुआ मन एक शाम 7091 0 Hindi :: हिंदी
मंच को __सादर नमन शीर्षक __घोसला विधा __गीत दिनांक 21/12/2022 थोड़ी देर और ठहर जाते तो कितना अच्छा होता. कुछ मेरी भी सुन जाते तो कितना अच्छा होता. न जाने क्यों जिंदगी की शाम को ढलने की की इतनी जल्दी क्यों है? जो जिंदगी के सफर में हमने तुम संग बनाए थे एक छोटा सा. घोंसला , उस घोसले में कुछ देर और ठहर जाते तो कितना अच्छा होता.l देखो ना शाम होते ही सब अपने. घोसले की तरफ लौट जाते हैं.l वैसे ही तुम मेरी तन्हाई में एक शाम लौट आते तो कितना अच्छा होता .l ढलते सूरज को देख कर मन में ख्याल आता है पंछी की तरह हम दोनों फिर से एक घोंसला बना लेते . तो कितना अच्छा होता स्वरचित लेखिका पूनम मिश्रा वाराणसी उत्तर प्रदेश