कुमार किशन कीर्ति 30 Mar 2023 आलेख समाजिक मातृभाषा, शर्म,भारतीय,हिंदी,अंग्रेजी 8479 0 Hindi :: हिंदी
आजकल इंग्लिश बोलने का प्रचलन बहुत ज्यादा ही चल पड़ा है।हर इंसान चाहे वह किसी भी राज्य से हो,मगर इंग्लिश बोलना अपनी शान समझता है। मुझे इंग्लिश भाषा से कोई आपत्ति नहीं है।भाषा चाहे देशी हो या विदेशी, हमें ज्ञान ही प्रदान करती है।मगर,अपनी राष्ट्रभाषा को हीन समझना कहाँ तक बुद्धिमान कहलाना है?हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, इसका सम्मान करना चाहिए।फिर भी,कुछ लोगों को हिंदी बोलने में शर्म आती है। वही तो मैं बार-बार उन्ही लोगों से पूछ रहा हूँ हिंदी बोलने में शर्म कैसा?है कोई जवाब। वही