RANJIT MAHATO 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक irada 19243 0 Hindi :: हिंदी
इरादे हमारे भी कभी बुलंद हुआ करते थे, उन इरादों के दम पर ही, कुछ कर गुजरने की चाह भी हमारे हुआ करते थे, लेकिन समय ने उन इरादों को जंग लगा दिया. हम दुनिया से तो नहीं हारे. लेकिन समय ने मुझे हरा दिया
My name is Ranjit Mahato and I am self-employed by profession. I have a passion for reading and writ...