संदीप कुमार सिंह 01 Jul 2023 कविताएँ समाजिक मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 4170 0 Hindi :: हिंदी
कुंडलिया छंद जिनके दिव्य प्रताप से,मनुज किए उत्कर्ष। अवधपुरी में धूम है, भारत में है हर्ष।। भारत में है हर्ष,राम के सब गुण गाते। प्रभु देते आशीष,भक्त वांछित फल पाते।। खुशियाँ नित हो व्याप्त,रहे खुशियों में तिनके। कण कण में नव जोश,साथ वे प्रभु हों जिनके।। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍🏼 जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....