Pradeep singh " gwalya " 25 Oct 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत प्रदीप सिंह ग्वल्या 10638 0 Hindi :: हिंदी
अब दिल भर –भर कर आता है अपना प्रतिबिंब चक्षु पे दिखाता है क्या ये सचमुच का प्यार है? या प्यार सहारे दिल पर वार है ये एकतरफा प्यार है। यादों की माला बनाती ये तेरी जब भी बंद होती हैं आंखें मेरी मैं तो अब आंखें खोलने को डरता हूं यह सब उसकी ही रहगुज़ार है ये एकतरफा प्यार है। क्या उसे कह दूं कि कितना प्यार है? जता दूं मेरा मन कितना बेकरार है? तब मन मुझे चौदिश जकड़ लेता है मन का उकसाकर–रोकना, ये प्रक्रिया बार–बार है ये एकतरफा प्यार है। दो शब्द जब उसपर लिखूं मैं उन शब्दों में बेचैन दिखूं उन शब्दों की क्या मजाल उसे अलंकृत करे पर मेरी ऐसी कोशिश लगातार है ये एकतरफा प्यार है। सुना है वो काफी अमीर है हमसे कई गुना उसकी तकदीर है वह मेरी खाली जेब का मजाक उड़ा न दे यह सोचते ही मन होता तार–तार है ये एकतरफा प्यार है। सोचा कहीं मन की बात से वो रूठ न जाए जिससे मेरा मन टूट न जाए रहने देता हूं उसे नहीं बताता पर फिर भी मन उसे बताने बेकरार है ये एकतरफा प्यार है। अब मन नहीं उसे सोचने को ना उसकी यादों को संजोने को फिर भी याद बार–बार आती है मुझ पर ये कैसा मन का अत्याचार है ये एकतरफा प्यार है।। यह एक बहुत अच्छी कविता है जो सामान्यतः प्यार करने वालों के लिए लिखी गई है मुख्यत जब किसी को किसी से एकतरफा प्यार हो जाए और वो एकतरफा ही रह जाए जिसमे बड़ा दुख दर्द झेलना पड़ता है।😊 खैर आपको जरूर ये कविता पढ़नी चाहिए चाहे आपको एकतरफा प्यार हुआ हो या नहीं । और अगर आपको ये कविता पसंद आए तो जरूर लाइक करें और अपने दोस्तों को भी शेयर करें।
pradeep singh "ग्वल्या" from sural gaon pauri garhwal uttarakhand . education:- doub...