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इस जीवन की शाम

Dr Priyanka Saurabh 20 May 2023 गीत समाजिक 6384 1 5 Hindi :: हिंदी

कहे किसे हालात

आओ कर ले साथियो,
ऐसा भी कुछ काम।
ढले वतन की राह में,
इस जीवन की शाम।।

प्यार ज़माने से करे,
कर ले अच्छे काम।
बांटे सबको रौशनी,
इस जीवन की शाम।।

छुपी हार में जीत है,
समझे ये पैगाम।
देकर नई आस ढले,
इस जीवन की शाम।।

कोयल कूके डाल पर,
भूले पीर तमाम।
हर पतझर मधुमास हो ,
इस जीवन की शाम।।

बारिश के संग है खिला,
धूप भरा आकाश
देख ज़माना हो गया,
मौसम भी बदमाश।

चातक मन ने है किया,
साथी यूँ उपवास ।
बिन तेरे बुझती नही,
अब सौरभ की प्यास।।

व्याकुल बैठा सोचता,
मेरे मन का मोर ।
उमड़ी मुझ पर थी घटा,
गई कौन-सी ओर ।।

छुट्टी पर चंदा गया,
तड़प रही है रात ।
बढ़ती जाये वेदना,
कहे किसे हालात ।।
(प्रियंका सौरभ के काव्य संग्रह 'दीमक लगे गुलाब' से।

Comments & Reviews

Addy Rathore
Addy Rathore अति उत्तम रचना 👍🙏🙏🙏🙏

8 months ago

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