DIGVIJAY NATH DUBEY 24 May 2023 गीत देश-प्रेम #दिग्दर्शन 6732 0 Hindi :: हिंदी
मैं लिखूंगा दास्तान ए शौर्य की विजय गाथा मैं लिखूंगा प्रगति के पथ की तपस्या का खुलासा मैं लिखूंगा सर जमीनें हिंद के रण की गरजते तोपचे दुश्मन के टोली में धधकती बारूद ज्वाला मैं लिखूंगा मैं लिखूंगा सर कलम कर कर के राजपूतों के घराने भय भी था भयभीत जिनसे वीर गाथा मैं लिखूंगा कापते थे भुज जहां वो राज्य का इतिहास ऐसा मान राणा का महा बलिदान गाथा मैं लिखूंगा मैं लिखूंगा लड़ पड़ी रानी जहां मर्दों के कायर झुंड से आज झांसी का सफल संग्राम गाथा मैं लिखूंगा जब जलाई होलिका अंग्रेज के आभूषणों की उन ज्वालांती एकता की संग्राम गाथा मैं लिखूंगा मैं लिखूंगा चढ़ गए जब चूमते फांसी के फंदे कर लिए सर पे बसंती बांधकर मुस्कान होठों पर लिए उनकी जवानी बुझ गई उसकी गवाही मैं लिखूंगा मैं लिखूंगा बन गई जय हिंद की सेना प्रबल जब बंकरों में थरथरा धमकी जिधर अंग्रेजो के फिर बस्तरों में उन सदा आजाद के फौजों की महिमा मैं लिखूंगा मैं लिखूंगा जब हिंसकों के झुंड में दिल में अहिंसा बांधकर जनता के सब उम्मीद से आंदोलन में विश्वास कर उस वृद्ध प्रेमी देश के गांधी की गाथा मैं लिखूंगा मैं लिखूंगा चाहे कोई टकराव आए उम्मीद नहीं मिटने दूंगा मैं आज कसम ये खाता हूं ये देश नही झुकने दूंगा भारत के दिल की उम्मीद हर शक्श की आशा मैं लिखूंगा मैं लिखूंगा ।। दिग्दर्शन !