Ujjwal Kumar 14 Jul 2023 कविताएँ समाजिक ज़िन्दगी है छोटी ,हरपल में खुश हूं। 6816 0 Hindi :: हिंदी
ज़िन्दगी है छोटी ,हरपल में खुश हूं। काम में खुश हूं, आराम में खुश हूं आज पनीर नहीं,दिल में खुश हूं गाड़ी नहीं आज,पैदल ही खुश हूं आज कोई नाराज़ हैं,इस अंदाज में खुश हूं जिसको देख नहीं सकता, उसकी आवाज में खुश हूं जिसको पा नहीं सकता,सोच कर खुश हूं बीता हुआ कल जा चुका, मीठी याद में खुश हूं आने वाले कल का पता नहीं, इंतजार में खुश हूं ज़िन्दगी है छोटी हरपल में खुश हूं। ✍उज्जवल कुमार