Manju Bala 02 Jul 2023 कविताएँ अन्य बादल छाए घने, बरस रही है बूंदें, बरखा आई ,मन में आई है आनंद की भरमार, सावन की रातों में, खुशियों की बहार। पानी की बूंदें बरसती हैं नन्हे-मुन्नों पर, छात्रों की मस्ती जगाती है इस वर्षा की बारिश पर। गर्मी की लू से राहत मिलती है धरती को, हरी-भरी बन जाती है फसलों की उपजाऊ मिट्टी को। 6972 5 5 Hindi :: हिंदी
बादल छाए घने, बरस रही है बूंदें, गरजती है बिजली, चमक रही है बिजली । मन में आई है आनंद की भरमार, सावन की रातों में, खुशियों की बहार। पानी की बूंदें बरसती हैं नन्हे-मुन्नों पर, मनों की मस्ती जगाती है इस वर्षा की बूंदों की पर। गर्मी की लू से राहत मिलती है धरती को, हरी-भरी बन जाती हैऔर फायदा पहुचती है फसलों की उपजाऊ मिट्टी को। रंग-बिरंगे मनभावन दृश्य चहरों पर ले आते है मुस्कान, गर्मी को दूर करती है ये सावन की बूंदें सावन की बरसात में जीवन की नई उमंगें बसंती बागों में फूलों की बारातें, बादल छाए घने, बरस रही है बूंदें,
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I have done M.A in three subjects these are Hindi ,History ,Political science. I have also done M.Ed...