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मन का हर कोना पुलकित हो जाता है

Trishika Srivastava 30 Mar 2023 शायरी प्यार-महोब्बत मन का हर कोना पुलकित हो जाता है / Man Ka Har Kona Pulkit Ho Jata Hai 69440 0 Hindi :: हिंदी

मन का हर कोना पुलकित हो जाता है
जब आँगन में मेघ रिमझिम मल्हार गाता है
यूँ तो इक बरस में बारह महीने होते है
लेकिन 'धरा' को केवल सावन का महीना भाता है

—  त्रिशिका श्रीवास्तव 'धरा' 

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