संदीप कुमार सिंह 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक मेरी कविता प्रेरणा से भरपूर है जो पाठकों के लिए बहुत ही उपयोगी रहेगा। 4920 0 Hindi :: हिंदी
दुनिया दासी अर्थ की, इसमें में है शक्ति। आज मुख्य है बात ये, करते सारे भक्ति।। दुनिया दासी अर्थ की, पूरा करते शौख। इसको रखिए अब बचा, बना लीजिए गौख ।। दुनिया दासी अर्थ की, इनको हम सम्हाल। पग पग पर ये काम के, इससे सजती हाल।। दुनिया दासी अर्थ की, लगे रहें दिन रात। जरूर आते पास ये, खिलती है हालात।। दुनिया दासी अर्थ की, आते हैं सब पास। इज्जत भी करते सभी, बने रहें हम खास।। संदीप कुमार सिंह ✍🏼 जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा) बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....