ASHWANI PANDEY ( ADVOCATE ) 30 Mar 2023 गीत समाजिक मां आखिर मां होती है 25782 0 Hindi :: हिंदी
एक बेरोजगार बेटे की माँ उसकी जेब रोज टटोलती थी बेटा चोरी से कभी कभी देख लेता और सोचता काश नौकरी मिल जाती माँ की पैसो की प्यास बुझा पता। पर माँ तो जेब में सल्फास की गोलिया ढूँढती थी कही बेटा तंग हो कर खा न ले। बेटा सोचता था बेरोजगार होना भी एक अभिशाप है। शायद दुनिया में नौकरी न करना भी सब से बड़ा पाप है। माँ की भावनाओ को वो न समझ पाया और एक दिन बेरोजगारी से तंग होकर सल्फास की गोली ले आया वो, सोचा माँ रोज जेब टटोलती है पैसा नहीं पाती है और शर्म से कुछ नहीं बोलती है। शाम को बेटे ने जो ही गोली को होठो से लगाया तो दोस्तों माँ का दिल बड़े जोर से धड्का माँ का दिल जल उठा और ऊबाल खाया . माँ दौड़ी दौडी गई बेटे के पास और बोली क्या हुआ बेटा क्यों उदास है तू आज बहुत दुखी है मुझे ये अहसास है। मेरा सब कुछ तू ही है बेटा ये याद रखना तू मेरा अनमोल धन है तेरा कोई मोल नहीं इस दुनिया में तेरे से बढ़ कर मेरे लिए कुछ और नहीं माँ रो कर बोली जिस दिन तुम हमसे रिश्ता तोड़ दोगे उस दिन हम भी दुनिया छोड़ देगे। बेटा भी इतने पर रो पड़ा और बोला माँ आप हमें इतना प्यार करती हो तो सच बोलना आप मेरे जेब में क्या देखती थी। माँ और जोर से रो पड़ी बोली बेरोजगारी क्या है ये बेटा मै जानती हूँ तेरे रग रग को पहचानती हूँ कही नादानी में कुछ कर न ले कही खा कर कुछ गोलिया अपनी जान ना देना दे तेरे जेब में मै रोज उन गोलियों को ढूढ़टी थी बेटा और जोर से रो पड़ा। माँ बोली आज तेरा जेब देखना भूल गई बेटा मेरा दिल अभी बहुत जोर से भपका इस लिए तेरे पास आई हूँ और जेब की तरफ जैसे ही माँ ने हाथ बढाया बेटा रोते हुए बोला माँ तू जो ढूढ़ रही है यहाँ है मेरे मुठी में आज जो थोडा सा देर कर देती तो मुझे शायद नहीं पाती मै भी कितना पागल हूँ मै सोचता था माँ जेब मै पैसे देखती है और वो ख़ुशी मै आप को 1 महीना हो गया नहीं दे पाया इस लिए माँ मैंने ये कदम उठाया।
1.MA (GEOGRAPHY) 2.UGC/NTA/NET (QUALIFIED) 3.UPSC/UPPCS (PREPRATION) 4.UPSC( INTERVIEW)2 TIMES ...