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आंखों में आंसू आ जाते हैं- जब शहीदों के चेहरे आंखों के सामने आ जाते हैं

राकेश 14 Aug 2023 कविताएँ देश-प्रेम देश प्रेम, राष्ट्र प्रेम 6127 0 Hindi :: हिंदी

आंखों में आंसू आ जाते हैं, जब शहीदों के चेहरे आंखों के सामने आ जाते हैं, उनकी कुर्बानी के कारण जब हम देश की आजादी का जश्न मनाते हैं, गुमनाम नामवर शहीदों स्वतंत्रता सेनानियों को स्मरण किए बिना जब हम आजादी का आनंद उठाते हैं।

हम यह क्यों भूल जाते हैं, अपने रोम रोम में देश प्रेम क्यों नहीं जगाते हैं, बस घूम फिर कर स्वादिष्ट भोजन खाकर आजादी का जश्न मनाते हैं।

शहीदों की याद में पांच मिनट का मौन रखकर राष्ट्रीय त्योहारों से पहले उन्हें याद करने का कष्ट नहीं उठाते हैं।

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