Bholenath sharma 03 Jan 2024 कविताएँ समाजिक उन लोगों से दूर रहे है जो उपर से मीठे मीठे बोलते तो है। पर उनके भीतर आपके प्रति ईष्या और द्वेष के समान विष का घड़ा रखा है। 5125 0 Hindi :: हिंदी
लोगों के मृदु वचनो से तुम , घुल हदय मत बह जाना तुम । कोई नहीं भर सकता है , तेरे मन की झूठी तृप्ति निहित रहा जो तेरे जीवन में पढ़ अपने इतिहासो को तुम सजग अब हो जाओ तुम मत आना इन मृदु वचनो मे तुम जो कर रहे तुम्हे समर्पित वे उत्सुक क्यों होते है वे बहकी - बहकी बाते करते जो तुम उनके आगे रोते हो ।