Rambriksh Bahadurpuri 30 May 2023 कविताएँ समाजिक #Rambriksh Bahadurpuri #Rambriksh Bahadurpuri kavita #Rambriksh Bahadurpuri Ambedkar Nagar #Kavi rambriksh Bahadurpuri #ambedkarnagar poetry #jeevan per kavita #aadarsh per kavita 5373 0 Hindi :: हिंदी
जीवन आदर्श मैने देखा एक छोटी सी जिंदगी की अहमियत, और इसके साथ प्रकृति की सहूलियत। मैंने देखा उस नन्हीं सी कली को खिलते, विकसित होते, जीने की आशा लिए प्रसन्नचित्त। न भविष्य का भय न अतीत की चिंता, बस कोमल पंखुड़ियों से अपनी सुन्दरता खूबसूरती और आदर्शता को लोगों में खुशबू से बांटते, उसे देखा। लोगों में छोड़ जाना अपनी पहचान, माइने नहीं रखती जीवन का लम्बा होना या होना थोड़े दिन का मेहमान। अब वह विकसित कली देखते देखते ही फूल बन गयी थी, और फिर हल्की हवाओं के झोंके से टूटी और सदा के लिए अपने जड़ समेत समूल डाल से बिदा हो चली थी। रचनाकार - रामबृक्ष बहादुरपुरी अम्बेडकरनगर उत्तर प्रदेश 9721244478
I am Rambriksh Bahadurpuri,from Ambedkar Nagar UP I am a teacher I like to write poem and I wrote ma...