संदीप कुमार सिंह 15 Jun 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत झूठ मत बोल, हरेक, चाल, खबर, गड्ढा, खोद, मुश्किल,साहित्य, इतिहास, भला, झंझट, अमन चैन, अहंकार 10510 0 Hindi :: हिंदी
झूठ मत बोल मुझे मैं सब समझता हूं, तेरे हरेक चाल की खबर मैं रखता हूं। खुद से खुद के लिए गड्ढा मत खोद, वरना निकलना ही मुश्किल हो जायेगा। साहित्य पढ़ ले, इतिहास पढ़ ले, झूठ से आज तक किसका भला हुआ है? काहे को यह झंझट पालता है यार, क्यों न अपनों से करता है प्यार। नफरत का बीज को क्यों फैलाते हो, आपस में लोगों को क्यों लड़ाते हो? अमन चैन देने का वादा किया था तूं ने, अब क्या तुझे अहंकार ने वश में कर लिया? क्यों जालसाजों के शिकार तो नहीं हो गए हो, क्या तुम्हारा शक्ति कहीं खो गया है? झूठ मत बोल मैं सब समझता हूं, तेरे हरेक चाल की खबर रखता हूं। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍️ जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा) बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....