Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

बिस्तर से उठो तुम सुबह हो गयी है

Disha Shah 22 May 2023 कविताएँ अन्य 4306 0 Hindi :: हिंदी

बिस्तर से उठो 
 तुम ।
सुबह हो गयी है ,
अपने सपने 
अपने लक्ष्य के
 लिए आगे बढ़ो 
तुम ।
कुछ तो करो तुम ,
खुद को  व्यक्त दो तुम ।
तुम को क्या करना है ,
ज़िंदगी  में इससे 
जानो तुम ।
कुछ करो तुम ,
अपने लिए 
आगे बढ़ो तुम ।
बिस्तर से उठो 
 तुम ।
सुबह हो गयी है 
आगे बढ़ो तुम ।
तुम्हारे सपने 
इंतजार कर रहे है 
लग जाओ  सपने को 
सच करने में और 
ये आसान है ।

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

शक्ति जब मिले इच्छाओं की, जो चाहें सो हांसिल कर कर लें। आवश्यकताएं अनन्त को भी, एक हद तक प्राप्त कर लें। शक्ति जब मिले इच्छाओं की, आसमा read more >>
Join Us: