Laxmi nishad 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य प्रकृति पर कविता 88836 0 Hindi :: हिंदी
सुंदर रूप इस धरा का, आँचल जिसका नीला आकाश, पर्वत जिसका ऊँचा मस्तक, उस पर चाँद सूरज की बिन्दियो का ताज । नदियों - झरनों से छलकता यैवन, सतरंगी पुष्प- लताओ ने किया श्रृंगार, खेत - खलिहानों मे लहलाती फसले, बिखरती मन्द- मन्द मुस्कान। हाँ, यहीं तो हैं, इस प्रकृति का स्वछन्द स्वरुप , प्रफुल्लित जीवन का निष्छल सार।