Jyoti yadav 28 Aug 2023 कविताएँ समाजिक ऐसे उजाले का हम क्या करें 12901 0 Hindi :: हिंदी
🙏 ऐसे उजाले का हम क्या करें जहां आंसु छुपाना हो सुनने पड़े ताने बाने और ना चाहते हुए भी मुस्कुराना हो❤️ 💐चेहरे पर नकाब लगाना हो अगर कोई हाल पुछे तो मजे में हूं बताना हो ऐसे उजाले का हम क्या करें 🙏 अपनी पहचान अपने से ही चुराना हो सही हूं मैं सही हूं बात बात में समझाना हो सुनें ना कोई आवाजें यह बेमतलब चिल्लाना हो ऐसे उजाले का हम क्या करें ♥️🌹 अगर यही उजाला है तो यह अंधेरा ही अच्छा है क्योंकि यहां हंसी भी सच्ची और आंसू भी सच्चा है 💯💯 अक्सर मैंने लोगों को कहते सुना है अंधेरा नकारात्मकता का प्रभाव है पर अंधेरे के बगैर जीवन में उजाले का अभाव है ज्योति यादव के कलम से ✍️