Trishika Srivastava 30 Mar 2023 शायरी समाजिक ज़िम्मेदारीयों का बोझ 17032 0 Hindi :: हिंदी
ज़िम्मेदारियों का बोझ कंधा तोड़ देता है कम उम्र में बाप गर दुनिया छोड़ देता है — त्रिशिका श्रीवास्तव ‘धरा’
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