Dr Satywan Saurabh 20 May 2023 कविताएँ समाजिक 6170 0 Hindi :: हिंदी
आशाओं के रंग ●●● बने विजेता वो सदा, ऐसा मुझे यकीन । आँखों में आकाश हो, पांवों तले जमीन ।। ●●● तू भी पायेगा कभी, फूलों की सौगात । धुन अपनी मत छोड़ना, सुधरेंगे हालात ।। ●●● बीते कल को भूलकर, चुग डालें सब शूल । बोयें हम नवभोर पर, सुंदर-सुरभित फूल ।। ●●● तूफानों से मत डरो, कर लो पैनी धार । नाविक बैठे घाट पर, कब उतरें हैं पार ।। ●● छाले पांवों में पड़े, मान न लेना हार । काँटों में ही है छुपा, फूलों का उपहार ।। ●●● भँवर सभी जो भूलकर, ले ताकत पहचान । पार करे मझदार वो, सपनों का जलयान ।। ●●● तरकश में हो हौंसला, कोशिश के हो तीर । साथ जुड़ी उम्मीद हो, दे पर्वत को चीर ।। ●●● नए दौर में हम करें, फिर से नया प्रयास । शब्द कलम से जो लिखें, बन जाये इतिहास ।। ●●● आसमान को चीरकर, भरते वही उड़ान । जवां हौसलों में सदा, होती जिनके जान ।। ●●● उठो चलो, आगे बढ़ो, भूलो दुःख की बात । आशाओं के रंग से, भर लो फिर ज़ज़्बात ।। ●●● छोड़े राह पहाड़ भी, नदियाँ मोड़ें धार । छू लेती आकाश को, मन से उठी हुँकार ।। ●●● हँसकर सहते जो सदा, हर मौसम की मार । उड़े वही आकाश में, अपने पंख पसार ।। ●●● हँसकर साथी गाइये, जीवन का ये गीत । दुःख सरगम-सा जब लगे, मानो अपनी जीत ।। ●●● सुख-दुःख जीवन की रही, बहुत पुरानी रीत । जी लें, जी भर जिंदगी, हार मिले या जीत ।। ●●● खुद से ही कोई यहाँ, बनता नहीं कबीर । सहनी पड़ती हैं उसे, जाने कितनी पीर ।। (नव प्रकाशित चर्चित दोहा संग्रह 'तितली है खामोश' से साभार)