संदीप कुमार सिंह 30 Mar 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत मेरी यह कविता काफी रोमांचक है पाठक गण अवश्य ही लाभान्वित होंगें। 7747 0 Hindi :: हिंदी
हां प्यार में कभी खिचखिच तो कभी किशमिश है, होता है क्योंकि मन है समान तो रहता ही नहीं, आज के आधुनिक युग में भागम भाग है, ध्यान और ख्याल इधर_उधर हो ही जाता है। हां ऐसे में दिल पर गहराई से बुरा नहीं लेना चाहिए, एक दूसरे में ताल _मेल होना लाज़मी है, कभी तुम मुझ पर बरस जाओ_कभी मैं तुझ पर बरस जाऊं, फिर कभी तकरार का नमकीन खाएं तो प्यार का कभी रसगुल्ला। जीवन तो एक बेहतरीन सुखद यात्रा है, इस उपहार को भूल से भी खोना नहीं चाहिए, प्यार की मेंहदी को लगाते चलें, खुशियों से इस जहां को सजाते चलें। शब्दों की महफ़िल सजाते रहें, अपनों के संग स्नेह का गीत गाते रहें, मधुर मुस्कान की खुशबू लुटाते रहें, जग में झिलमिल सितारों सा झिलमिलाते रहें। ऐसे खुशबूदार बने कि हर कोई संपर्क में आते ही खुशबू मय हो जाए, और आप उनके लिए एक मिशाल बन जाएं, फिर जीने का _मरने का मज़ा ही अद्भुत हो जाता है, हौले_हौले आनंद में इस जीवन यात्रा का आनंद लेते रहें। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍🏼 जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....