संदीप कुमार सिंह 12 Jul 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी रोमांचित होंगें। 4337 0 Hindi :: हिंदी
(मुक्तक छंद) पायल सुर की सुन खनक, आशिक सारे मस्त। गाते नगमा झूम के, उल्फत होती सख्त। गोरी लगती अप्सरा, करती है आकर्ष_ उसकी लब जब बोलती, हिल जाता है तख्त। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍️ जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा) बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....