DINESH KUMAR KEER 26 May 2023 कविताएँ अन्य 6398 0 Hindi :: हिंदी
बुझ जाए शमा तो जल सकती है कश्ती तुफां से निकल सकती है बुझ जाए शमा तो जल सकती है कश्ती तुफां से निकल सकती है मायुस ना हो अपने इरादे न बदल तकदीर किसी भी वक्त बदल सकती है मायुस ना हो अपने इरादे न बदल तकदीर किसी भी वक्त बदल सकती है