Kanhaiyalal 19 Dec 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत 7933 0 Hindi :: हिंदी
अक्षर सारे व्यर्थ निकले पंक्तियों में जब उनके अर्थ निकाले शान समझ संजोया जीन रिश्तों को वह भी एक ख़ुदग़र्ज़ निकले हम क्या जाने कौन किस धर्म से निकले और तुम तो राजदार हुआ करते थे प्यार के गालिब तो तुम ही कैसे बेगैरत निकले किस से छुपा होगा दर्द हमारा कमबख्त सारे फरेबी और हमदर्द निकले
Kanhaiyalal jalandhra was born10 oct 2004 at harkhewala. It was intimate contect with nature and lo...