Anjani pandey (sahab) 26 Apr 2023 कविताएँ अन्य कहानी का एक हिस्सा ##### 8516 0 Hindi :: हिंदी
अजब सी कविता का एक हिस्सा हू ना जीवन में रोज का एक किस्सा हूं ना पढूं किताब कौन सी जो ये सीख मिले कितना पन्ना पलटू मैं, कितनी लाइन फिर से दोहराऊ जो कविता करने की सीख मिले तुम शायर की शायरी हो नामो वाली, मैं अब सप्ताह में छपने वाली मैगजीन का हिस्सा हूं ना तुम हो ऊंचाई पर पहले ही मैं भी चढ़ना सीख रहा हूं ना तुम मनु की भाषा सी लगती हो मैं तो पढ़ना सीख रहा हु ना। मैंने सीख लिया मन की भाषा तुम भी तो निराला की दीवानी हो ना तुम अजर अमर हो गई हो जैसे मैं भी तो प्रेमचंद की कहानी हूं ना ।। अंजनी पांडेय (साहब)