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रिश्तों की बुनियाद

Shakuntala Sharma 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक # रिश्तों की बुनियाद# बे नाम रिश्ते# स्वार्थ पर नही बनते# 22098 0 Hindi :: हिंदी

जो निस्वार्थ भाव से चाहे किसी को ।
उस रिश्ते में पैसों का कोई दाम नही होता ॥
 
कुछ लोग अपने उसूल ही बदलते रहते ।
रिश्तों में छल बल का काम नही होता ॥

लोभ लालच को रखो परे दो दिलो से
रिश्तों पर स्वार्थ का लिबास नही होता ॥

उम्रभर साथ देने वाले बडी मुश्किल से मिलते हैं  दर्द में जो छोड़ दे रिश्ता वह काश नही होता ॥

कुछ रिश्ते दिलो की गहराई में उतर जाते है ।
ऐसे रिश्तों का कोई नाम नही होता ॥

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